A REVIEW OF SHIV CHAISA

A Review Of Shiv chaisa

A Review Of Shiv chaisa

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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।

अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।

पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

Devotees who chant these verses with intense really like come to be prosperous with the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to get children, have their wishes fulfilled immediately after partaking of Shiva-Prasad with religion and devotion.

अर्थ: हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमद‍्देवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच Shiv chaisa खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें

जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

Chanting of Shiva Chalisa shiv chalisa lyricsl is finished because of the devotees in an effort to make sure you and get the blessings in their beloved deity – Lord Shiva.

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